११.राजभवन में भारतीय सादगी के प्रतीक-म.म राज्यपाल श्री के.रोसैया
१५ नवम्बर २०११ को लम्बे समय बाद चेन्नई राजभवन जाने का अवसर मिला.इसके पूर्व पहली बार श्री भीष्म नारायण सिंह जी के समय कई बार गया था,होली भी खेली थी.फिर रेड्डी जी और सुरजीत सिंह जी के समय भी जाने का अवसर मिला.हम लोग पांच थे-डॉ बालशौरी रेड्डी,मैं,श्री कृष्णमूर्ती,श्री वासुदेवन और श्री मणिकंठन.पांच बजे मिलने का समय तय था किन्तु गेट नंबर २ पर हम लोग के लिए सूचना नहीं थी.फिर तुलजा नन्द सिंह जी से डॉ बालशौरी रेड्डी जी की बात हुई और फिर सब कुछ आसान होता चला गया.म.म राज्यपाल ने अच्छी हिंदी में भी हम सभी से बात की तेलुगु में भी बतियाऐ.सरलता की प्रतिमूर्ति सादगी के प्रतीक,व्यस्त होते हुए भी हम लोगों के लिए समय निकाला हम सभी आभारी हैं,राज्यपाल महोदय नें शीघ्र ही राजभवन में एक कार्यक्रम के हमारे प्रस्ताव को गंभीरता से लिया.हमलोग ख़ुशी-ख़ुशी बाहर निकले तो राजभवन के मृग ने हमें सरलता से विदा किया.
ईश्वर करुण,
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