Saturday 24 September 2011

LOG-JINSE MEIN MILA 2

२.तमिल समकालीन कविता के मोती-वैरमुत्तु

तमिलनाडु के श्री वैरमुत्तु जी का फ़ोन मेरे घर आया,तब मैं उन्हें नहीं जानता था.बच्चों ने बताया कि किसी  वैरमुत्तु जी का फ़ोन आया है.मैंने कहा में उन्हें नहीं जानता,तो मेरे बच्चों ने आपस में बात किया कि तमिल गीत लिखने वाले वैरमुत्तु होंगे लेकिन खुद ही उनका जवाब था-"वो वैरमुत्तु तो पापा को जानते नहीं,फिर वो क्यूँ पापा को फ़ोन करेंगे वे,बड़े आदमी हैं."उस समय तमिल अभिनेता प्रभुदेवा का नृत्य और वैरमुत्तु जी का गीत,"मुक्काबला मुक्काबला"की धूम देश भर में मची हुई थी.मेरे बच्चे तमिल जानते हैं इसलिए वे वैरमुत्तु जी को जानते थे.इस गीत का यह आलम था की वित्त मंत्रालय के राजभाषा विभाग से हिंदी कार्यान्वयन निरीक्षण के लिए दिल्ली से आने वाले सहायक निदेशक ने यह बताया की चेन्नई आते समय उनकी बिटिया ने यह कहा की आप चेन्नई जा रहे हैं तो प्रभुदेवा से जरूर मिलना.दूसरे दिन जब फिर वैरमुत्तु जी का फ़ोन आया तब मैं घर में ही था.उनके नीजी सचिव भास्कर ने मेरा नाम पूछा और बताया कि श्री वैरमुत्तु मुझसे बात करना चाहते हैं.बच्चों को जब मालूम हुआ कि ये वही वैरमुत्तु हैं तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा और वे अपने पापा को भी बड़ा आदमी मानने लगे.अगले सप्ताह दिवाली मैं श्री वैरमुत्तु जी की ओर से भास्कर जी मिठाई लेकर मेरे घर आए और वैरमुत्तु जी से मिलने का कार्यक्रम तय किया.फिर वैरमुत्तु जी से मेरी मुलाकात हुई.तबसे श्री वैरमुत्तु मेरे बड़े भाई जैसे हैं.उनकी कविताओं का हिंदी अनुवाद "बिंदु से सिन्धु की ओर" में मेरी योगदान की उन्होंने स्वयं चर्चा की है.आगे चल कर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला और भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री   भी प्रदान किया.पहली मुलाकात से ही मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ और आज भी उनका स्नेह मुझे प्राप्त है.

ईश्वर करुण,
चेन्नई.         

Friday 23 September 2011

LOG-JINSE MEIN MILA 1


१.जगजीत सिंह जी के लिए मंगल कामना 

ग़ज़ल गायकी के क्षेत्र में जगजीत सिंह जी का योगदान उल्लेखनीय है.उनकी हालत चिंताजनक है,उनका ब्रेन हैमरेज हुआ है.ईश्वर  से प्रार्थना है की वे शीघ्र स्वस्थ हों.
      मेरा ये सौभाग्य रहा है की बतौर मंच संचालक मैंने उन्हें प्रस्तुत किया,फिर चेन्नई में उनका साउथ चक्र साप्ताहिक के लिए साक्षात्कार भी लिया.जो एक उल्लेखनीय साक्षात्कार के रूप में चर्चित हुआ.रेशमी आवाज़ के इस जादूगर ने ग़ज़ल को नई लोकप्रियता प्रदान की.मेरे मित्र गज़लकार श्री.हस्तीमल हस्ती,मुंबई की लिखी ग़ज़ल "प्यार का पहला ख़त लिखने में वक्त तो लगता है" को बड़े दिलकश अंदाज़ में जगजीत सिंह ने गाकर लोकप्रिय बनाया.ईश्वर से प्रार्थना है की उन्हें लम्बी उम्र बख्शें.



ईश्वर करुण,
चेन्नई.

Monday 19 September 2011

KAGAZ KE BAARE MEIN

कागज़ चेन्नई से १९८९ से निकलने वाली उल्लेखनीय हस्तलिखित पत्रिका थी.इसके माध्यम से कई साहित्यकार साहित्य जगत में आये और आज भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं.श्री प्रह्लाद श्रीमाली,डॉ.निर्मला मौर्य,डॉ.प्रभु गंजिहाल आदि प्रमुख हैं.कागज़ के अंकों पर नवभारत टाइम्स ने बड़ी समीक्षा छापी.कागज़ का महत्त्वपूर्ण उल्लेख दक्षिण की हिंदी पत्रकारिता पर किए गए शोध कार्यों में हुआ.जिसमे डॉ.रविन्द्र,गोवा,डॉ.जयशंकर बाबु का नाम उल्लेखनीय है.कागज़ के चाहने वालों में दक्षिण के प्रसिद्ध हिंदी विद्वान डॉ.सुब्रमण्यम विष्णुप्रिया,श्री.र.शौरिराजन,स्व.रुक्माजीराव अमर,डॉ.बालशौरी रेड्डी आदि प्रमुख रहे हैं.लगभग २३ वर्षों बाद कागज़ को पुनर्जीवित करने का प्रयास है.चेन्नई और देश के अन्य शहरों के मित्रों से,जिन्होंने कागज़ को देखा-पढ़ा,निवेदन है कि वे अपने संस्मरण या विचार भेजें.साथ ही अपनी छोटी छोटी रचनाएँ भी भेजें.


ईश्वर करुण,
चेन्नई.