Sunday 15 January 2012

NAPS HINDI: Ishwar Karun - Interest towards Hindi

NAPS HINDI: Ishwar Karun - Interest towards Hindi: Sri Ishwar Karun, poet speaks here on how he got Interest in Hindi click on the link below to see. http://youtu.be/wtBtQ5CeZH8

NAPS HINDI: Ishwar Karun - Hindi works and Achievements

NAPS HINDI: Ishwar Karun - Hindi works and Achievements: Sri Ishwar Karun speaks here exclusively on his Hindi Work & Achievements click on the link below to see http://youtu.be/C6aRd8xFMVc ...

Saturday 14 January 2012

LOG-JINSE MEIN MILA 14

१४.सांस्कृतिक प्रतिभा के धनी श्री पी.एन.सुब्रमनियन 
आज १४ जनवरी है मेरा जन्मदिन ! मैं बड़े उत्साह से कहता हूँ कि मेरे जन्म दिन की खुशी पूरे देश के लोग,उत्तर से दक्षिण तक मनाते हैं और अपने अपने पैसे से पोंगल या खिचड़ी या तिलकुट-तिलवा-गजक या चूड़ा
दही चीनी खाते हैं.यह मेरे लिए महत्वपूर्ण है कि मेरा जन्म ऐसे दिन हुआ जब देश में पोंगल लोहरी और मकरसंक्रांति का पर्व मनाया जाता है.इसी लिए चौदहवें व्यक्तित्व के रूप में चौदह जनवरी को अपने पचपनवें वर्ष पूर्ण करने पर श्री पी.एन.सुब्रमनियन जी से मिलना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है.इन्हें मैं पूरी श्रद्धा से सुब्रमनियन मामा जी कहता हूँ क्योंकि ये हमारे सर्वाधिक निकट लता-वेंकटेश के मामा जी हैं.
सुब्रमनियन जी को अगर आप भोपाल में मिलेंगे तो उन्हें विसुद्ध उत्तर भारतीय समझेंगे और जब चेन्नई में मिलेंगे तो विसुद्ध दक्षिण भारतीय.उनका व्यक्तित्व शंका से परे है.भोपाल में वे पूरी तरह भोपाली हैं भाषा,बोलचाल कि शैली खान पान और रहन सहन सब कुछ भोपाली.जब चेन्नई में हैं तो केरला में बसे तमिल मूल के पक्का बुद्धिजीवी हैं.इस मायने में वे हमारी भारतीय संस्कृति के विशुद्ध  प्रतिनिधि हैं.चेन्नई में उनसे मिलना मेरे लिए आज के दिन "धन्य" होना है.उनके साथ साथ विश्वनाथन मामा की विदुषी पत्नी जो बहुत अच्छा गाती हैं के हाथों एक की जगह दो कप चाय पीना मेरे लिए जन्मदिन का आशीर्वाद है.
                 सुब्रमनियन मामा से मेरी पहली मुलाकात भोपाल के श्यामला हिल स्थित हिंदी भवन में तब हुई थी जब मैं मध्य प्रदेश लेखिका संघ की अध्यक्ष डॉ राजश्री रावत जी के निमंत्रण पर प्रसिद्द कवित्री सुभद्रा सिंह चौहान की जन्मशताब्दी एवं मध्य प्रदेश लेखिका संघ के दशवें वार्षिकोत्सव पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने गया था.मेरे लिए रात्री भोजन की व्यवस्था आदरणीया सविता जी(अब स्वर्गीय) के निवास पर थी.मुझे उनके यहाँ ले जाने के लिए सविता जी के साथ सुब्रमनियन जी आये थे,यह अद्भुत संयोग था की हम दोनों एक दुसरे से मिलना चाहते थे क्योंकि मेरे भोपाल जाने की जानकारी और मिलने की इच्छा को लता जी ने उन्हें बता दिया था.लेकिन मैं ही वह हूँ जिसे सविता जी के घर ले जाना है यह सुब्रमनियन मामा को  मालुम नहीं था.और मुझे भी यह मालुम नहीं था की मुझे लेने के लिए आने वाले ही सुब्रमनियन मामा हैं.हम दोनों परिचित हो कर भाव विभोर हो गए.फिर तो रास्ते भर अच्छी गजलें सुनते,सविता जी के साथ मारीशस सम्मलेन की चर्चा करते और लता-वेंकटेश से पारिवारिक संबंधों की चर्चा करते रहे.बीच में सुब्रमनियन मामा अपने घर ले गए.उनके घर का कलात्मक वातावरण मामी जी का निश्छल स्नेह और स्वादिष्ट चाय आज भी मुझे याद है.हालाकि मामीजी गुज़र गईं हैं और उनका इसी माह के अंत में प्रथम श्राद्ध है.
                इस तरह सुब्रमनियन मामा से मेरा सम्बन्ध बना.सुब्रमनियन मामा बैंक के उच्चाधिकारी पद से सेवानिवृत हुए हैं.वे सिक्कों के विशेषज्ञ हैं और उनके पास सिक्कों का अद्भुत संकलन है.वे गजलों के शौकीन हैं.उनके पास गजलों का बहुत अच्छा संकलन है.वे बहुत अच्छे संस्कृति और इतिहास के बहुत अच्छे विद्वान हैं.उन्होंने बहुत-सी शोध रचनाएँ सप्रमाण  लिखी हैं.उनकी दृष्टि बहुत पारखी है.वे अच्छे फोटोग्राफर हैं.इनका ब्लॉग बहुत ही लोकप्रिय और सारगर्भित रचनाओं से भरा है.और उनके पास बहुत सी सांस्कृतिक धरोहर हैं जिनमे विन्ध्य पर्वतावली में प्राप्त शंख के जीवाश्म है जो प्रमाणित करते हैं की कभी विन्ध्याचल तक समुद्र की लहरें थी.इस सांस्कृतिक व्यक्ति को विशेष नमस्कार.         

ईश्वर करुण,
चेन्नई.

Sunday 20 November 2011

LOG-JINSE MEIN MILA 13

१३.भारतीय फिल्म संगीत का स्वर्णिम व्यक्तित्व-भप्पी लाहिरी
भप्पी दा से एक ही मुलाकात हुई लेकिन जब लोग बिना मिले भी उन्हें भूल नहीं सकते तो मैं कैसे भूल सकता हूँ.मैं मुंबई गया था और मेरे दोस्त अतुल श्रीवास्तव ने बताया की वो भप्पी दा के सेक्रेटरी के बेटी की शादी में जाने वाला है और मुझे भी ले जाना चाहता है तो मैं ख़ुशी-ख़ुशी तैयार हो गया.अतुल कोलकाता का है अच्छी बंगला जानता है और अच्चा गाता है वह मुंबई में गायन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में संघर्षरत था.शाम को हम दोनों शादी में भाग लेने पहुंचे वहां अतुल ने मेरा परिचय भप्पी दा के सेक्रेटरी से कराया,वहीँ नवाब आरजू से परिचय हुआ.फिर जब भप्पी दा आए तो उनसे मिलने का सौभाग्य मिला.उन्होंने यह जानकर की मैं भी गीत लिखता हूँ ख़ुशी जताई.तब उनके गीत "बम्बई से आया मेरा दोस्त" गली-गली बजता था आज "ऊ लाला ऊ लाला" की धूम मची है.जितनी बार "ऊ लाला ऊ लाला" सुनता हूँ भप्पी दा से मिलने का खुशनुमा एहसास ताज़ा हो जाता है.

ईश्वर करुण,
चेन्नई.    

LOG-JINSE MEIN MILA 12

१२.रिज़र्व बैंक में हिंदी के प्रतिनिधि-डॉ रमाकांत गुप्ता

पिछले सप्ताह होटल एकोर्ड में डॉ.रामकांत गुप्ता से मिला तो फिर एक बार हम लोग बतिआने और ठहाके लगाने में मशगुल हो गए डॉ.रमाकांत मेरे पुराने मित्र हैं.तब वे चेन्नई में रिज़र्व बैंक में हिंदी अधिकारी थे,आज उप महाप्रबंधक हैं और पूरे देश के स्तर पर राजभाषा अनुपालन का दायित्व निभा रहे हैं उनकी पुस्तक भी आर्थिक जगत में लोकप्रिय है.यारों के यार हैं और अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित.राजभाषा पर हमारी लम्बी बातचीत होती रही.मेरी शुभकामना है की वे शीघ्र-अतिशीघ्र महा प्रबंधक बने और राजभाषा की गरीमा में एक नया इतिहास लिखें जिसमे मेरी भी छोटी सी चर्चा हो.

ईश्वर करुण,
चेन्नई.   

LOG-JINSE MEIN MILA 11

११.राजभवन में भारतीय सादगी के प्रतीक-म.म राज्यपाल श्री के.रोसैया
१५ नवम्बर २०११ को लम्बे समय बाद चेन्नई राजभवन जाने का अवसर मिला.इसके पूर्व पहली बार श्री भीष्म नारायण सिंह जी के समय कई बार गया था,होली भी खेली थी.फिर रेड्डी जी और सुरजीत सिंह जी के समय भी जाने का अवसर मिला.हम लोग पांच थे-डॉ बालशौरी रेड्डी,मैं,श्री कृष्णमूर्ती,श्री वासुदेवन और श्री मणिकंठन.पांच बजे मिलने का समय तय था किन्तु गेट नंबर २ पर हम लोग के लिए सूचना नहीं थी.फिर तुलजा नन्द सिंह जी से डॉ बालशौरी रेड्डी जी की बात हुई और फिर सब कुछ आसान होता चला गया.म.म राज्यपाल ने अच्छी हिंदी में भी हम सभी से बात की तेलुगु में भी बतियाऐ.सरलता की प्रतिमूर्ति सादगी के प्रतीक,व्यस्त होते हुए भी हम लोगों के लिए समय निकाला हम सभी आभारी हैं,राज्यपाल महोदय नें शीघ्र ही राजभवन में एक कार्यक्रम के हमारे प्रस्ताव को गंभीरता से लिया.हमलोग ख़ुशी-ख़ुशी बाहर निकले तो राजभवन के मृग ने हमें सरलता से विदा किया.

ईश्वर करुण,
चेन्नई.    

LOG-JINSE MEIN MILA 10

१०.भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पित व्यक्तित्व-अश्विनी कुमार चौबे.  श्री अश्विनी कुमार चौबे से मिलकर किसी के भी मन में भारतीय संस्कृति के अनुरूप स्वयं को भी ढालने का जज़्बा एक बारगी पैदा होता है.श्री अश्विनी जी बिहार के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री हैं और आम जनता में जन जागृति फैलाने में सदैव नया प्रयोग करते रहे हैं चाहे वह गाँव की स्वक्षता का प्रश्न हो या फिर आम लोगों में स्वास्थ के प्रति जागरूकता का.अश्विनी जी से पाहि मुलाकात वर्षों पहले नाथ नगर (भागलपुर) में हुई थी बाद में जब चेन्नई में वे भाजपा के राष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेने चेन्नई आए तो परिचय और गहरा हुआ.उस सम्मलेन के दौरान हम लोगों ने एक सम्मान समारोह रखा था जिसमे श्री रविशंकर प्रसाद,श्री नन्द किशोर यादव,श्री अश्विनी जी और श्री.यशोदा नंदन पांडे ने भाग लिया था.तबसे इन सबका स्नेह मुझे मिलता रहा है.अश्विनी जी से ज्यादा ही स्नेह मिला है.उस समय बिहार में नितीश जी के नेत्रित्व में चुनाव होने वाला था.रविशंकर जी ने चेन्नई के हम प्रवासियों को बिहार आकर चुनाव में भाग लेने का आह्वान किया था.सुशील मोदी जी भी थे.मैंने जब कहा था की चेन्नई के छठ पूजा में आप सभी भाग लें तो अश्विनी जी ने कहा था हमें आप बिहार आकर वोट देकर जिताएं तो हम अवश्य चेन्नई आएँगे.उस चुनाव में बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ और नीतीश जी मुख्य मंत्री बने.अश्विनी जी नगर विकास मंत्री बने.फिर दुसरे चुनाव में भी नीतीश जी प्रचंड बहुमत से सत्ता में आए.तब से लगातार अश्विनी जी से संपर्क होता रहा.इस बार उनका चेन्नई आना कुछ अचानक हुआ हमलोग १८ नवम्बर की शाम को तमिलनाडु गवर्नमेंट गेस्ट हाउस में मिले.इस अवसर पर चेन्नई में युवा उद्यमीओं से उनका परिचय कराया.मेरे साथ श्री लक्ष्मेश्वर मिश्र विनोद (विनोवाजी के शिष्य),श्री रामानुज शर्मा,श्री राजकिशोर,श्री मधु कान्त झा,श्री कलानंद मिश्र,श्री अशोक झा,श्री राजीव सिंह,श्री बैद्यनाथ पाण्डेय,श्री दीपक कुमार झा,श्री दिनेश प्रताप सिंह (पूर्व अध्यक्ष यु.पी.अस्सोसीएशन) थे.अश्विनी जी के साथ उनके पूरे परिवार से मिलने का अवसर मिला.पूरा परिवार अपनी संस्कृति और सभ्यता के प्रति समर्पित.दुसरे दिन अश्विनी जी को छोड़ने एअरपोर्ट गया विदा लेते समय जिस आत्मीयता से वे गले मिले वह मुझमे एक नई ऊर्जा भर गया.

ईश्वर करुण,
चेन्नई.